ममता कालिया के साहित्य में अभिव्यक्त स्त्री पुरूष संबंध

Authors

  • इंदिरा वी. प्रेसिडेंसी, केंपापुरा,हेब्बाल, बेंगलूरू.

Keywords:

परिचय, हिदी साहित्य, महिला शक्ति, महिला समस्या, पुरूष मानसिकता

Abstract

ममता कालिया का हिंदी साहित्य में अद्वितीय स्थान है। ये एक एसी कामकाजी स्त्री है, जो औरतों की समस्याओं को भली-भांती समझकर उससे संबंधित रचनाऐ निरूपित करती हैं। इनकी हर रचना में ज्यादातर सच्चाई को ध्यान में रखकर इसका निवारण भी करने की चेष्टा है। नए जमाने के करवट बदलते रिश्तों को केंद्र में रखकर लिखा गया है। पति-पत्नी का रिश्ता, माता-पिता और संतान का रिश्ता, प्रेमी-प्रेमिका का रिश्ता, हर रिश्ता नए समय के साथ बदल रहा है। सपनों की होम डिलिवरी, दौड, ममता इनकी बहुत मशहूर रचनाऐ हैं। इन सब में स्त्री और पुरूष मानसिकता को बहुत ही सुंदर ढंग से दर्शाया गया है। पुरूष के हर पहलू जैसे पिता, पुत्र और औरत के हर पहलू मां, बेटी, बहू, पत्नी को भी अत्यंत सहज ढंग से प्रस्तुत किया है। रूचि शर्मा, डाली, मिसेज सहाय , रेखा इसके उदाहरण है। जीवन में दो भिन्न मानसिकता रखने वाले पुरूषों को पाते है। हम पूरी तरह से यह नही कह सकते है कि हमेशा पुरूष दंभी होता है। एसे भी हमारे यहा पुरूष है जो औरतों को अत्यंत सम्मान देते है। सपनें की होम डिलिवरी नए जमाने के बदलते रिश्तों को ड्यान में लिखकर लिखा गया है। हर रिश्ता नए समय के साथ ताल बैठाने की कोशिश कर रहा है। हमारी भारतीय संस्कृति में पति-पत्नी का रिशता काफ़ी मायने रखता है। दोनो जीवन की गाडी का महत्वपृण पहिया है। सच्चे रिश्ते में एक भी अगर ढीला पड जाए तो दूसरा पूरी तरह से दुर्बल बन जाता है।

References

ममता कालिया, (२०१६), सपनो की होम डिलिवरी, लोकभारती प्रकाशन,कानपुर.

ममता कालिया, (२००५), दौड, वाणी प्रकाशन, नई दिल्ली.

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Published

02.02.2025

How to Cite

इंदिरा वी. (2025). ममता कालिया के साहित्य में अभिव्यक्त स्त्री पुरूष संबंध . ಅಕ್ಷರಸೂರ್ಯ (AKSHARASURYA), 5(06), 77 to 82. Retrieved from https://aksharasurya.com/index.php/latest/article/view/586

Issue

Section

ಸಂಶೋಧನಾ ಲೇಖನಗಳು. | RESEARCH ARTICLE.