‘रवीन्द्र कालिया’ की कहानियों में चित्रित उच्च वर्गीय समाज
Keywords:
रवीन्द्र कालिया, उच्च वर्गीय, वैभव शाली जीवन, उच्च वर्गीय मानसिकता, सहानुभूति, प्रतिष्ठाAbstract
अपने समय के समाज को रवीद्र कालीयाँ ने बड़ी ही गहराई के साथ अपने कथा साहित्य में चित्रित किया है । युग विशेष की सामाजिक, आर्थिक और धार्मिक परिस्थिति में समाज के उच्च वर्ग, मध्यम वर्ग और निम्न वर्ग किस तरह एक दुसरे के प्रति व्यवहार कर रहा था उसका भी चित्रण किया है । समय परिवर्तनशील है । युगीन परिस्थितियाँ हमेशा एक सी नहीं रहती । युग बदलने के साथ-साथ किसी समाज विशेष की परिस्थितियाँ भी बदल जाती है । इसलिए जिस रचनाकार के पास संवेदनाओं को गहराई से समझने और उसे विश्लेषित करने की समझ नहीं होगी, उसका साहित्य कभी भी कालजयी नहीं हो सकता । रवीद्र कालीया अपने कहानियों में उच्च वर्गीय समाज के लोगों कि जीवन शैली के साथ ही उनका ऐश्वर्यपूर्ण जीवन उनके सामाजिक प्रतिष्ठा एवं आस्तित्व का परिचय कराते हुए । उच्च वर्ग किस तरह समाज के अन्य लोगों के साथ दुराव रखता है, उसके साथ समाज में प्रतिष्ठान रखने के लिए किस तरह संघर्ष करता है । और गरीबों के प्रति सहानुभूति दिखाकर अपने सुविधानुसार उनका अपने स्वार्थ के लिए उनका उपयोग करने की प्रवृति दिखाया जाता है आदि का अपने कहानियों में चित्रित किया है ।